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कम सिबिल स्कोर (आमतौर पर 750 से नीचे, विशेष रूप से 600 से कम) होने पर कई वित्तीय और व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। सिबिल स्कोर आपके क्रेडिट इतिहास और वित्तीय अनुशासन का एक माप है, जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आपके लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करने में मदद करता है।
बैंक लोन रिजेक्शन से बचने के लिए एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना जरूरी है। सिबिल स्कोर आपके वित्तीय अनुशासन का दर्पण है, कम सिबिल स्कोर वित्तीय जीवन को कई तरह से प्रभावित करता है, जैसे लोन रिजेक्शन, उच्च ब्याज दरें, क्रेडिट कार्ड की अनुपलब्धता, और यहां तक कि नौकरी या किराए पर घर लेने में दिक्कत। यह आपके वित्तीय अवसरों को सीमित करता है और तनाव बढ़ा सकता है। हालांकि, समय पर भुगतान, क्रेडिट उपयोग कम करने, और नियमित क्रेडिट रिपोर्ट की जांच से स्कोर को धीरे-धीरे सुधारा जा सकता है। वित्तीय अनुशासन अपनाकर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं और बेहतर वित्तीय भविष्य बना सकते हैं।
सिबिल स्कोर क्या है ?
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) एक तीन अंकों की संख्या है (300 से 900 के बीच), जो आपके क्रेडिट इतिहास और वित्तीय व्यवहार को दर्शाता है। यह ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड (CIBIL) द्वारा तैयार किया जाता है, जो भारत की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। यह स्कोर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यह तय करने में मदद करता है कि आपको लोन देना चाहिए या नहीं।
750-900 : उत्कृष्ट स्कोर, लोन स्वीकृति की उच्च संभावना।
700-749 : अच्छा स्कोर, लोन मिलने की संभावना अधिक, लेकिन शर्तें लागू हो सकती हैं।
600-699 : औसत स्कोर, लोन मिलना मुश्किल, उच्च ब्याज दरें।
300-599 : खराब स्कोर, लोन रिजेक्शन की उच्च संभावना।
सिबिल स्कोर कैसे बनता है ?
भुगतान इतिहास (35%) : लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान समय पर किए गए हैं या नहीं।
क्रेडिट उपयोग अनुपात (30%) : आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा का कितना हिस्सा आप उपयोग करते हैं।
क्रेडिट इतिहास की अवधि (15%) : आपका क्रेडिट इतिहास कितना पुराना है।
क्रेडिट मिक्स (10%) : सुरक्षित (जैसे होम लोन) और असुरक्षित (जैसे पर्सनल लोन) लोन का मिश्रण।
नए क्रेडिट आवेदन (10%) : हाल में कितने लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किए गए
खराब सिबिल स्कोर से होने वाली समस्याएं
1. लोन स्वीकृति में कठिनाई : कम सिबिल स्कोर होने पर बैंक या वित्तीय संस्थान लोन आवेदन को रिजेक्ट कर सकते हैं, क्योंकि यह जोखिम का संकेत देता है। पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन, या क्रेडिट कार्ड जैसे वित्तीय उत्पाद मिलना मुश्किल हो जाता है। अगर लोन मिलता भी है, तो वह उच्च ब्याज दरों और सख्त शर्तों के साथ हो सकता है।
2. उच्च ब्याज दरें : कम सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को बैंकों द्वारा उच्च जोखिम वाला माना जाता है, इसलिए उन्हें लोन पर अधिक ब्याज देना पड़ता है। EMI की राशि बढ़ जाती है, जिससे लोन चुकाना महंगा हो जाता है। लंबे समय तक अधिक ब्याज चुकाने से वित्तीय बोझ बढ़ता है।
3. क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में दिक्कत : कम सिबिल स्कोर के कारण क्रेडिट कार्ड आवेदन रिजेक्ट हो सकता है या कम क्रेडिट सीमा वाला कार्ड मिल सकता है। आपको प्रीमियम क्रेडिट कार्ड्स (जैसे रिवॉर्ड या कैशबैक कार्ड्स) नहीं मिलते। अगर कार्ड मिलता है, तो उसकी सीमा कम (जैसे ₹20,000-₹50,000) और वार्षिक शुल्क अधिक हो सकता है। 700 से कम स्कोर वाले व्यक्ति को HDFC या SBI जैसे बैंकों से प्रीमियम कार्ड मिलने की संभावना कम होती है।
4. नौकरी या किराए पर घर लेने में परेशानी : कुछ नियोक्ता (विशेषकर वित्तीय क्षेत्र में) और मकान मालिक सिबिल स्कोर चेक करते हैं ताकि आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का आकलन कर सकें। कम स्कोर के कारण नौकरी के अवसर खो सकते हैं, खासकर बैंकिंग, फाइनेंस, या उच्च-स्तरीय प्रबंधन की नौकरियों में। मकान मालिक किराए पर घर देने से मना कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि आप किराया समय पर नहीं दे पाएंगे। कुछ मल्टीनेशनल कंपनियां बैकग्राउंड चेक के दौरान क्रेडिट स्कोर देखती हैं, और 600 से कम स्कोर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
5. सीमित वित्तीय लचीलापन : कम सिबिल स्कोर के कारण आपातकालीन स्थिति में तुरंत लोन या क्रेडिट प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। मेडिकल इमरजेंसी, बिजनेस शुरू करने, या अन्य जरूरतों के लिए फंड जुटाना कठिन हो जाता है। आपको गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) या साहूकारों से उच्च ब्याज दरों पर कर्ज लेना पड़ सकता है।
6. क्रेडिट मिक्स और उपयोग पर असर : कम सिबिल स्कोर वाले व्यक्ति को नए क्रेडिट (लोन या क्रेडिट कार्ड) मिलना मुश्किल होता है, जिससे क्रेडिट मिक्स सुधारना और स्कोर बढ़ाना कठिन हो जाता है। क्रेडिट इतिहास में सुधार के लिए नए सुरक्षित लोन (जैसे FD के खिलाफ लोन) लेना मुश्किल हो जाता है। क्रेडिट उपयोग अनुपात (Credit Utilization Ratio) को कम करना कठिन होता है, क्योंकि नई क्रेडिट सीमा नहीं मिलती।
7. सेटल्ड लोन या डिफॉल्ट का लंबे समय तक प्रभाव : अगर आपने पहले लोन सेटल किया है या डिफॉल्ट किया है, तो यह क्रेडिट रिपोर्ट में रह सकता है।कम स्कोर के कारण भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना लगभग असंभव हो जाता है। सेटल्ड स्टेटस को हटाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। अगर आपने ₹2 लाख का पर्सनल लोन सेटल किया, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में "Settled" के रूप में दिखेगा, जो बैंकों के लिए नकारात्मक संकेत है।
8. सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव : कम सिबिल स्कोर के कारण बार-बार लोन रिजेक्शन से आत्मविश्वास कम हो सकता है और वित्तीय तनाव बढ़ सकता है। आपको लग सकता है कि आप वित्तीय रूप से अक्षम हैं, जिससे मानसिक दबाव बढ़ता है। सामाजिक स्तर पर, परिवार या दोस्तों से कर्ज मांगने की जरूरत पड़ सकती है, जो रिश्तों पर असर डाल सकता है।
9. बीमा प्रीमियम पर असर : कुछ बीमा कंपनियां क्रेडिट स्कोर को प्रीमियम तय करने में उपयोग करती हैं, खासकर ऑटो या हेल्थ इंश्योरेंस में। कम स्कोर के कारण बीमा प्रीमियम अधिक हो सकता है। कुछ मामलों में, बीमा स्वीकृति भी प्रभावित हो सकती है। कम सिबिल स्कोर के कारण कार इंश्योरेंस का प्रीमियम ₹10,000 के बजाय ₹12,000 हो सकता है।
कैसे सुधारे खराब सिबिल स्कोर ?
कम सिबिल स्कोर की समस्याओं से बचने के लिए सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं। ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग करें। क्रेडिट उपयोग कम करें। क्रेडिट कार्ड की सीमा का 30% से कम उपयोग करें। एक साथ कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें।
क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें : हर 6 महीने में सिबिल वेबसाइट (www.cibil.com) पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें और त्रुटियों को ठीक करें। बकाया राशि को जल्द से जल्द चुकाएं या सेटलमेंट के बजाय पूरा भुगतान करें।
सुरक्षित लोन लें : फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या गोल्ड लोन जैसे सुरक्षित लोन लेकर क्रेडिट इतिहास सुधारें। बजट बनाएं और अनावश्यक खर्चों से बचें।
सिबिल स्कोर कैसे चेक करें ?
आप अपना सिबिल स्कोर चेक करने के लिए सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट ( www.cibil.com ) पर जाएं और "Get Your CIBIL Score" पर क्लिक करें।
सिबिल पर अपना अकाउंट बनाएं : अपना नाम, जन्मतिथि, PAN नंबर, मोबाइल नंबर, और ईमेल आईडी दर्ज करें। आधार, वोटर आईडी, या पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों के साथ पहचान सत्यापित करें। कुछ सवालों के जवाब दें, जैसे आपके पिछले लोन या क्रेडिट कार्ड की जानकारी। सत्यापन के बाद, आपका स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट डैशबोर्ड पर दिखाई देगी।
क्या क्रेडिट रिपोर्ट से सेटलमेंट , राइट-ऑफ , या गलत लोन खातों को हटाना संभव है ?
हाँ, सिबिल (CIBIL) क्रेडिट रिपोर्ट से सेटलमेंट (Settled), राइट-ऑफ (Written Off), या गलत लोन खातों को हटाना संभव है, लेकिन यह प्रक्रिया लंबी और कठिन हो सकती है।
सेटलमेंट, राइट-ऑफ, और गलत लोन खातों का मतलब
सेटलमेंट (Settled) : जब आप बैंक के साथ बकाया राशि पर समझौता करते हैं और पूरी राशि के बजाय कम राशि चुकाते हैं, तो खाता "Settled" के रूप में दर्ज होता है। यह क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
राइट-ऑफ (Written Off) : जब बैंक यह मान लेता है कि लोन की राशि वसूल नहीं हो सकती, तो वह इसे "Written Off" के रूप में चिह्नित करता है। यह भी क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर डालता है।
गलत लोन खाते : क्रेडिट रिपोर्ट में ऐसी जानकारी जो गलत हो, जैसे गलत लोन राशि, गलत भुगतान स्थिति, या आपके नाम पर कोई ऐसा खाता जो आपने लिया ही नहीं (जैसे धोखाधड़ी के कारण)।
इन सभी का क्रेडिट रिपोर्ट में रहना आपके सिबिल स्कोर को कम करता है और भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में बाधा डालता है।
क्या इन्हें सिबिल क्रेडिट रिपोर्ट से हटाया जा सकता है?
सेटलमेंट और राइट-ऑफ इन्हें पूरी तरह हटाना मुश्किल है, क्योंकि ये बैंक द्वारा सिबिल को दी गई सटीक जानकारी पर आधारित होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, बैंक के सहयोग से इन्हें सुधारा जा सकता है।
गलत लोन खाते : अगर क्रेडिट रिपोर्ट में त्रुटियां हैं (जैसे गलत खाता, गलत स्थिति, या धोखाधड़ी), तो इन्हें हटाया या ठीक किया जा सकता है। गलत खातों को तुरंत ठीक किया जा सकता है, अगर त्रुटि सिद्ध हो।
सेटलमेंट और राइट-ऑफ को हटाने की प्रक्रिया
कानूनी सलाह लें, अगर आपको लगता है कि बैंक ने गलत तरीके से सेटलमेंट या राइट-ऑफ दर्ज किया है। सेटलमेंट और राइट-ऑफ को हटाने के लिए आपको बैंक के साथ बातचीत करें, क्योंकि सिबिल केवल बैंकों द्वारा दी गई जानकारी को रिपोर्ट में दिखाता है। सिबिल स्वयं कोई डेटा नहीं बदलता। अगर बैंक सहयोग नहीं करता, तो किसी वित्तीय सलाहकार या क्रेडिट रिपेयर एजेंसी की मदद लें। हालांकि, सावधान रहें, क्योंकि कई फर्जी कंपनियां स्कोर सुधारने के झूठे वादे करती हैं।
सेटलमेंट और राइट-ऑफ को हटाने से सिबिल स्कोर तुरंत नहीं सुधरता। आपको समय पर भुगतान और वित्तीय अनुशासन के साथ स्कोर धीरे-धीरे सुधारना होगा।
सेटलमेंट और राइट-ऑफ को हटाना हमेशा संभव नहीं होता, क्योंकि यह बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है। कुछ बैंक सेटलमेंट को "Paid" में बदलने से मना कर सकते हैं।
गलत लोन खातों को हटाने की प्रक्रिया
गलत लोन खाते (जैसे गलत राशि, गलत स्थिति, या धोखाधड़ी से दर्ज खाता) को सिबिल से हटाया जा सकता है। इसके लिए क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें और गलत खातों की पहचान करें, जैसे आपके नाम पर ऐसा लोन जो आपने लिया ही नहीं। गलत बकाया राशि या भुगतान स्थिति। धोखाधड़ी से खोला गया खाता।
प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें, बैंक से संपर्क करें, और उन्हें गलत जानकारी के बारे में सूचित करें। लिखित में शिकायत दर्ज करें और सुधार के लिए अनुरोध करें। बैंक को सिबिल को सही जानकारी भेजने के लिए कहें। अगर त्रुटि सही पाई जाती है, तो सिबिल आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को अपडेट करेगा।
अगर सिबिल या बैंक त्रुटि को ठीक नहीं करता, तो आप सिबिल के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या ईमेल करें। आप बैंकिंग लोकपाल (RBI Ombudsman) से शिकायत दर्ज कर सकते हैं, अगर बैंक सहयोग नहीं करता।
धोखाधड़ी के मामले में, कानूनी कार्रवाई करें और अदालत में याचिका दायर करें।
सिबिल केवल बैंकों द्वारा दी गई जानकारी को प्रदर्शित करता है। इसलिए, सेटलमेंट, राइट-ऑफ, या गलत खातों को ठीक करने के लिए पहले बैंक से संपर्क करना जरूरी है।