गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने बुलाई महापंचायत ; सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम, बैंसला ने कहा- बंद कमरे में बातचीत नहीं होगी


राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन फिर से सुर्खियों में है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने सरकार को 8 जून 2025 दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उनकी मांगों पर ठोस मसौदा पेश करने की मांग की गई है। यह चेतावनी भरतपुर के पीलूपुरा में होने वाली महापंचायत से पहले दी गई है, जहां आंदोलन की भविष्य की रणनीति तय होगी।

महापंचायत का ऐलान :

विजय बैंसला ने 8 जून को पीलूपुरा (भरतपुर) में गुर्जर समाज की महापंचायत बुलाई है। यह महापंचायत 2008 के आंदोलन की याद में आयोजित की जा रही है, जब पुलिस फायरिंग में कई गुर्जर शहीद हुए थे।

बैंसला ने कहा कि सरकार से अब बंद कमरे में बातचीत नहीं होगी। कोई भी वार्ता समाज के बीच खुले मंच पर होगी।

पीलूपुरा में होने वाली महापंचायत में अगर सरकार मांगों पर ठोस जवाब नहीं देती, तो आंदोलन तेज होने की संभावना है, जिसमें रेल और सड़क जाम जैसी कार्रवाइयां शामिल हो सकती हैं। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन गुर्जर समाज का रुख सख्त है। यह आंदोलन राजस्थान की सियासत में एक बार फिर बड़ा मुद्दा बन सकता है।

अल्टीमेटम और चेतावनी :

विजय बैंसला ने 7 जून को दौसा के तिघरिया गांव में कहा, “कल हम एक छोटी-सी चिट्ठी देंगे। अगर 12 बजे तक उसका जवाब नहीं आया तो हम 1 बजे वहीं मंत्रालय बांट देंगे। किसी को रेल मंत्रालय, किसी को सड़क, तो किसी को भोजन मंत्रालय।” यह बयान सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ।

उन्होंने सरकार पर 17 महीनों से मांगों को अनसुना करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसमें रेल और सड़क जाम करने की योजना शामिल हो सकती है।

क्या है गुर्जर समाज की मांगें :

एमबीसी आरक्षण : 5% आरक्षण का पूर्ण लाभ और इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करना।

देवनारायण योजना : योजना के तहत पात्र छात्रों को स्कूटी और छात्रवृत्ति का उचित वितरण। बैंसला ने आरोप लगाया कि 2024-25 में 50 करोड़ रुपये के बजट में से केवल 19 लाख रुपये खर्च किए गए।

मुकदमों की वापसी : आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेना और कुछ मामलों में कुर्की आदेशों को रद्द करना।

अनुकंपा नियुक्ति : 2008 के आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिजनों को नौकरी।

रीट भर्ती 2018 : 372 रिक्त पदों पर नियुक्ति।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया :

भरतपुर के कलेक्टर अमित यादव ने समिति को वार्ता के लिए बुलाया और महापंचायत टालने की अपील की। रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने कहा कि सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं।

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मांग पत्र लेकर वार्ता का प्रस्ताव दिया, लेकिन बैंसला ने गाजीपुर में उनकी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया।

प्रशासन ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक और संभावित धरना स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पर भी नजर रखी जा रही है।

आंदोलन की पृष्ठभूमि :

विजय बैंसला, कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे, अपने पिता के निधन के बाद आंदोलन की कमान संभाल रहे हैं। 2008 के आंदोलन में पीलूपुरा एक प्रमुख केंद्र था, जहां पुलिस कार्रवाई में कई लोगों की जान गई थी। विजय बैंसला 2023 में बीजेपी के टिकट पर देवली उनियारा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है लेकिन उन्हे हार का सामना करना पड़ा। 

गुर्जर समाज का कहना है कि भजनलाल शर्मा सरकार ने 17 महीनों में उनकी मांगों पर कोई प्रगति नहीं की, जिसके कारण महापंचायत बुलानी पड़ी।