कल देश के 244 शहरों में होगी मॉक ड्रिल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने पर तैयारियों का आकलन


7 मई 2025 को भारत सरकार ने देश के 244 जिलों में एक राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। यह ड्रिल 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो रही है, और इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों, विशेष रूप से युद्ध या हवाई हमले जैसी परिस्थितियों में नागरिकों को तैयार करना और सिविल डिफेंस की तैयारियों का आकलन करना है। यह कदम हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव, विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाया गया है।

केंद्र सरकार ने इसे आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने और नागरिकों को सतर्क करने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है। गृह मंत्रालय ने 6 मई 2025 को इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें डीजी एनडीआरएफ, होम गार्ड्स, और अन्य अधिकारी शामिल थे।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य


नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण : नागरिकों को युद्ध या आपदा के दौरान सुरक्षित रहने की तकनीकों का प्रशिक्षण देना।
तैयारी का आकलन : सिविल डिफेंस, पुलिस, अग्निशमन, और आपदा प्रतिक्रिया बलों की समन्वित प्रतिक्रिया की जांच करना।
जागरूकता : आपातकाल में ब्लैकआउट, सायरन, और सुरक्षित स्थानों पर जाने की प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराना।
सामरिक संवेदनशीलता : भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाना।


मॉक ड्रिल की प्रमुख विशेषताएं


ब्लैकआउट : ड्रिल के दौरान कुछ समय के लिए घरों, कार्यालयों, और सार्वजनिक स्थानों की बिजली काटी जाएगी ताकि दुश्मन की हवाई निगरानी से बचा जा सके।
सायरन : हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, जो लोगों को सुरक्षित स्थानों (जैसे बंकर) की ओर जाने का संकेत देंगे।
प्रशिक्षण : सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, और आम नागरिकों को आपातकाल में बचाव और निकासी की ट्रेनिंग दी जाएगी।
सुरक्षा जांच : हवाई अड्डों, रिफाइनरियों, और रेल यार्ड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण होगा।


कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल ?


यह ड्रिल 244 सिविल डिफेंस जिलों में आयोजित होगी, जो सामरिक और रणनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं। इनमें शामिल हैं :
सीमावर्ती राज्य : जम्मू-कश्मीर ( अनंतनाग, बारामूला, जम्मू, श्रीनगर आदि ), पंजाब ( अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, आदि ), राजस्थान ( जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, आदि ) और गुजरात ( अहमदाबाद, जामनगर, आदि )। दिल्ली ( नई दिल्ली, दिल्ली कैंट ), मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, आदि महानगर में भी होगी।
अन्य राज्य : उत्तर प्रदेश : 19 जिले (बुलंदशहर, बागपत, मुजफ्फरनगर, आदि)। यूपी सरकार ने पूरे राज्य में ड्रिल का फैसला किया है। मध्य प्रदेश ( भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, कटनी, इंदौर ), हरियाणा ( गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, पंचकूला ) ,छत्तीसगढ़ (दुर्ग, भिलाई), उत्तराखंड ( देहरादून ), असम ( गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट ) चंडीगढ़, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार (पोर्ट ब्लेयर), आदि जगहों पर भी होगी।


मॉक ड्रिल में शामिल संगठन और लोग

जिला प्रशासन : जिला अधिकारी और स्थानीय प्रशासन ड्रिल का नेतृत्व करेंगे।
सुरक्षा बल : पुलिस, अग्निशमन विभाग, होम गार्ड्स, और एनडीआरएफ।
स्वयंसेवक : एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS), और कॉलेज-स्कूल के छात्र।
आम नागरिक : नागरिकों को भी प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा।


सायरन कहां बजेंगे ?

सायरन मुख्य रूप से निम्नलिखित स्थानों पर लगाए जाएंगे : सरकारी और प्रशासनिक भवन, पुलिस मुख्यालय, फायर स्टेशन, सैन्य ठिकाने, बड़े बाजार और भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगाए जाएंगे।


महत्वपूर्ण निर्देश

घबराएं नहीं यह केवल एक प्रशिक्षण ड्रिल है, जिसका उद्देश्य तैयारी करना है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें। टीवी, रेडियो या सरकारी ऐप्स से जानकारी लेते रहें।