बीजेपी मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर अपमानजनक टिप्पणी की ; विवाद बढ़ने पर बोले,\'मेरी बहन से भी ज्यादा सम्मानित, अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची, तो मैं दस बार माफी मांगता हूं


मध्य प्रदेश के बीजेपी मंत्री कुंवर विजय शाह ने इंदौर के रामकुंडा गांव में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक और सांप्रदायिक टिप्पणी की, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया। कर्नल सोफिया कुरैशी, भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी, ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की मीडिया ब्रीफिंग में अहम भूमिका निभाई थी।

शाह ने अपने भाषण में कहा, "जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था... हमने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई। पाकिस्तानियों ने हमारे हिंदुओं को नंगा किया और मारा, तो मोदी जी ने उनकी बहन को भेजकर बदला लिया। चूंकि मोदी जी उनके कपड़े नहीं उतार सकते थे, इसलिए उनकी जाति और समुदाय की बहन को भेजकर नंगा किया।"

यह टिप्पणी 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में थी, जिसमें कुरैशी ने केवल ब्रीफिंग में हिस्सा लिया था, न कि ऑपरेशन में।

कांग्रेस ने शाह के बयान को "अपमानजनक, शर्मनाक और सांप्रदायिक" करार देते हुए उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "पहलगाम के आतंकियों ने देश को बांटने की कोशिश की, लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर' में देश एकजुट था। बीजेपी-आरएसएस की मानसिकता हमेशा से महिला विरोधी रही है।" उन्होंने पीएम मोदी से शाह को तुरंत हटाने की मांग की।

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से पूछा: "क्या बीजेपी शाह के इस निम्न सोच का समर्थन करती है?" कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शाह के भोपाल स्थित बंगले की नेमप्लेट काली कर दी और उनके इस्तीफे की मांग की।

विवाद बढ़ने पर शाह ने सफाई दी, "मेरे बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है। कर्नल सोफिया मेरी बहन से भी ज्यादा सम्मानित हैं। मैं उनकी कार्रवाई का सम्मान करता हूं। अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची, तो मैं दस बार माफी मांगता हूं।" उन्होंने दावा किया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और वह कुरैशी का अपमान नहीं करना चाहते थे।

मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह सहित बीजेपी नेताओं ने 14 मई 2025 को छतरपुर में कुरैशी के नौगांव स्थित घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कुरैशी को "देश की बेटी" बताया। बीजेपी ने शाह को उनके बयान के लिए तलब किया, जिसके बाद उन्होंने सार्वजनिक माफी मांगी।

कर्नल सोफिया कुरैशी, वडोदरा (गुजरात) की रहने वाली, 1999 में भारतीय सेना में शामिल हुईं। वह 2016 में 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में भारतीय सेना के पुरुष दस्ते का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। उन्होंने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में हिस्सा लिया और पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों में योगदान दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने के फैसले में कुरैशी की उपलब्धियों का उल्लेख किया था। 'ऑपरेशन सिंदूर' में उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिश्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर मीडिया को जानकारी दी थी।