भारत - पाक के बीच मध्यस्थता वाले बयान से डोनाल्ड ट्रम्प का यू - टर्न ; बोले मैंने सिर्फ मदद की ; पहले मध्यस्थता का दावा किया था


डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के अपने दावे से यू-टर्न लिया है। 15 मई 2025 को उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने निश्चित रूप से भारत-पाक मुद्दे को सुलझाने में मदद की।" इससे पहले, 10 मई को ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ने "पूर्ण और तत्काल युद्धविराम" पर सहमति जताई है।

यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन की सैन्य झड़पों के बाद आया, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद शुरू हुई थी। भारत ने इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। ट्रम्प के शुरुआती दावे पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया, यह कहते हुए कि युद्धविराम दोनों देशों के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच सीधे बातचीत से हुआ, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से।

भारत ने कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज किया और कहा कि एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस करना है। पाकिस्तान ने ट्रम्प के मध्यस्थता प्रस्ताव का स्वागत किया था, लेकिन भारत के दबाव और उसकी स्पष्ट नीति के बाद ट्रम्प ने अपने बयान से पलटना पड़ा।

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