कर्नल सोफिया कुरैशी पर अनर्गल टिप्पणी करने वाले एमपी के मंत्री विजय शाह पर कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज ; कोर्ट ने कहा कि यह बयान भेदभाव को बढ़ावा देता है


मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक और सांप्रदायिक टिप्पणी करने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला 13 मई 2025 को इंदौर के पास महू में एक सार्वजनिक सभा के दौरान शाह के बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सांप्रदायिक टिप्पणी की।

शाह ने अपने भाषण में कहा, "जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा, हमने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कर दी।" उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लिए बिना उनकी धार्मिक पहचान पर टिप्पणी की और कहा कि "मोदी जी ने उनकी समुदाय की बहन को सेना के जहाज से भेजकर सबक सिखाया।"

ये बयान पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) और उसके जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर से जोड़कर दिए गए, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी ने विदेश सचिव विक्रम मिश्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मीडिया ब्रीफिंग दी थी।

14 मई 2025 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शाह के खिलाफ भोपाल पुलिस को चार घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसे 6 बजे तक पूरा करने और अनुपालन रिपोर्ट जमा करने को कहा, अन्यथा DGP के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी।

जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिवीजन बेंच ने शाह के बयान को "गटर की भाषा" और "खतरनाक" करार दिया, जो सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। कोर्ट ने कहा कि यह बयान भेदभाव को बढ़ावा देता है और मुस्लिम समुदाय को अलगाववादी भावनाओं से जोड़ता है।

एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (देश की एकता और अखंडता को खतरा), 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), और 197(1)(c) के तहत दर्ज की गई।

तीखी आलोचना के बाद, शाह ने 13 मई को माफी मांगी, दावा किया कि उनके बयान को "गलत संदर्भ" में लिया गया। उन्होंने कहा, "कर्नल सोफिया मेरी बहन से भी ज्यादा सम्मानित हैं। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची, तो मैं 10 बार माफी मांगने को तैयार हूं।" हालांकि, उनकी माफी ने विपक्ष की मांग को शांत नहीं किया, और कोर्ट ने इसे अपर्याप्त माना।