Rajasthan Scoop Logo
Rajasthan Scoop Home
होम
Rajasthan Scoop Logo

राजस्थान स्कूप राजस्थान और दुनिया भर से नवीनतम समाचार, विश्लेषण और राय के लिए आपका विश्वसनीय स्रोत है।

© 2025 Rajasthan scoop. All rights reserved.

Designed & Developed by Finesse

    संडे-स्टोरीइतिहास

    तिलका मांझी : आज़ादी का पहला नायक ; अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफत की कहानी

    rajasthanscoop
    शेयर करें:
    तिलका मांझी : आज़ादी का पहला नायक ; अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफत की कहानी

    भागलपुर में तिलका मांझी के नाम पर तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय है लेकिन आजाद भारत के इतिहास में तिलका के बारें बहुत कम उल्लेख मिलते है. दरअसल तिलका मांझी एक गुमनाम नाम है बहुत कम लोग तिलका मांझी के नाम से परिचित है. तिलका मांझी का जन्म 11 फरवरी 1750 को बिहार के सुल्तानगंज में हुआ था. और 13 जनवरी 1785 को अंग्रेजी हुकुमत में तिलका मांझी को बरगद के पेड़ से लटका कर फांसी दे दी गई थी.

    जब भी स्वतंत्रता संग्राम की बात आती है तो मंगल पाण्डेय को भारत की आज़ादी के लिए शहीद होने वाले पहले शहीद के रूप में याद किया जाता है. लेकिन मंगल पाण्डेय के जन्म से करीब 42 वर्ष पूर्व 1785 में तिलका मांझी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ आजादी के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे. तिलका मांझी एक आदिविद्रोही जिसने अंग्रेजी हुकूमत के साथ ही जमींदारों की भी नींद उड़ा दी थी.

    तिलका मांझी का असली नाम जबरा पहाड़िया था. आदिविद्रोही तिलका ने आदिवासियों की जमीन और जंगल को बचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ विद्रोह किया. पहाड़िया भाषा में तिलका का अर्थ गुस्सैल व्यक्ति से है. तिलका ग्राम प्रधान थे और पहाड़िया भाषा में ग्राम प्रधान को मांझी कहकर संबोधित करने की प्रथा है. तिलका मांझी को ये नाम अंग्रेजो ने ही दिया था इसलिए जबरा पहाड़िया तिलका मांझी के नाम से विख्यात हो गए. जबकि अंग्रेजी काल के दस्तावेज़ो में तिलका मांझी की जगह जबरा पहाड़िया नाम का ही उल्लेख मिलता है.

    तिलका की लड़ाई अंग्रेजी हुकूमत और स्थानीय जमींदारो दोनों के खिलाफ़ थी. तिलका मांझी आदिवासियों के प्राकृतिक संसाधन जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए अंग्रेजी शासन के अन्याय और अत्याचार के खिलाफ़ विद्रोह कर रहे थे. तिलका न कभी झुके और ना ही डरे इसलिए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के सामने समर्पण नहीं किया. तिलका ने पूरे अंग्रेजी शासन की नींद उड़ा रखी थी.

    तिलका ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ 1771 से 1784 के बीच लम्बे समय तक संघर्ष किया. 1784 में भागलपुर के कलेक्टर क्लीवलैंड की हत्या करने के बाद अंग्रेजो ने तिलका की आदिवासी गुरिल्ला सेना पर हमला करके तिलका को गिरफ्तार कर लिया. और तिलका को घोड़ो के पीछे बांधकर घसीटते हुए भागलपुर लाया गया था.

    कुछ समय जेल में रखने के बाद आदिवासी समुदाय में दहशत पैदा करने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने भीड़ के सामने भागलपुर चौराहे पर खुलेआम बरगद के पेड़ से लटका कर तिलका को फांसी दे दी गई थी. तिलका मांझी को इतिहास में समुचित तरीके से दर्ज नही किया गया. तिलका को आधुनिक भारत का पहला आदिविद्रोही कहा जाता है. आज भी आदिवासी समुदाय के लोग लोकगीत जरिए तिलका मांझी को याद करते है. बांग्ला लेखिका महाश्वेता देवी ने बांग्ला भाषा में तिलका मांझी के जीवन पर आधारित ‘शालगिरर डाके’ नाम से उपन्यास भी लिखा है.

    टैग्स:

    HistoryTilka ManjhiTilka StoryFreedomrajasthan scoop
    टिप्पणी करने के लिए कृपया लॉगिन करें।

    संबंधित खबरें

    क्यों की गई थी राजीव गाँधी की हत्या ; जानें क्यों राजीव से नाराज था LTTE प्रमुख प्रभाकरण
    संडे-स्टोरी
    क्यों की गई थी राजीव गाँधी की हत्या ; जानें क्यों राजीव से नाराज था LTTE प्रमुख प्रभाकरण
    rajasthanscoop
    57
    पीएम मोरार जी ने रॉ की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दी ; रॉ को करते थे नापसंद, मोरार जी की गलती से भारत को हुआ बड़ा नुकसान
    संडे-स्टोरी
    पीएम मोरार जी ने रॉ की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दी ; रॉ को करते थे नापसंद, मोरार जी की गलती से भारत को हुआ बड़ा नुकसान
    rajasthanscoop
    62
    तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने विपक्ष के नेता वाजपेयी को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा
    संडे-स्टोरी
    तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने विपक्ष के नेता वाजपेयी को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा
    rajasthanscoop
    51

    जनमत

    आज का सवाल : राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री कौन थे ?

    कुल वोट: 11

    ट्रेंडिंग न्यूज़

    लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची
    लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची
    महिलाओं की आजादी त्यौहार, जानिए कैसे हुई घुड़ला पर्व की शुरुआत, क्यों घुड़ला लेकर घूमती है मारवाड़ की महिलाएं
    महिलाओं की आजादी त्यौहार, जानिए कैसे हुई घुड़ला पर्व की शुरुआत, क्यों घुड़ला लेकर घूमती है मारवाड़ की महिलाएं
    वाजपेयी से किसने कहा कि मुझे नरेन्द्र भाई मोदी गुजरात से बाहर चाहिए...
    वाजपेयी से किसने कहा कि मुझे नरेन्द्र भाई मोदी गुजरात से बाहर चाहिए...
    बोरोना वीव्स लिमिटेड का आईपीओ निवेश के लिए आज से खुला  है, 22 मई तक कर सकेंगे निवेश ; जानें क्या करती है कंपनी
    बोरोना वीव्स लिमिटेड का आईपीओ निवेश के लिए आज से खुला है, 22 मई तक कर सकेंगे निवेश ; जानें क्या करती है कंपनी
    नौसेना में शहीद हुआ बागोरिया का लाल प्रह्लाद जाखड़, रविवार सुबह 10.30 बजे पार्थिव शरीर जोधपुर एयरपोर्ट पहुँचेगा
    नौसेना में शहीद हुआ बागोरिया का लाल प्रह्लाद जाखड़, रविवार सुबह 10.30 बजे पार्थिव शरीर जोधपुर एयरपोर्ट पहुँचेगा

    वीडियो

    कोई वीडियो लेख नहीं मिला।