Rajasthan Scoop Logo
Rajasthan Scoop Home
होम
Rajasthan Scoop Logo

राजस्थान स्कूप राजस्थान और दुनिया भर से नवीनतम समाचार, विश्लेषण और राय के लिए आपका विश्वसनीय स्रोत है।

© 2025 Rajasthan scoop. All rights reserved.

Designed & Developed by Finesse

    संडे-स्टोरीकिस्सागोई

    क्यों की गई थी राजीव गाँधी की हत्या ; जानें क्यों राजीव से नाराज था LTTE प्रमुख प्रभाकरण

    rajasthanscoop
    शेयर करें:
    क्यों की गई थी राजीव गाँधी की हत्या ; जानें क्यों राजीव से नाराज था LTTE प्रमुख प्रभाकरण

    राजीव गांधी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक आत्मघाती बम विस्फोट में हुई थी। यह घटना भारतीय राजनीति के इतिहास में एक दुखद और महत्वपूर्ण मोड़ थी।

    राजीव गाँधी की हत्या क्यों की गई 

    राजीव गांधी 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनकी मां, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, वह 40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। उनके शासनकाल में भारत-श्रीलंका समझौता (1987) हुआ, जिसके तहत भारतीय शांति सेना (IPKF) को श्रीलंका में तमिल विद्रोहियों, विशेष रूप से लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE), के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजा गया।

    श्रीलंका में तनाव : LTTE, जो श्रीलंका में तमिलों के लिए अलग देश ( तमिल ईलम ) की मांग कर रहा था, IPKF की मौजूदगी से नाराज था। भारत की नीतियों को LTTE ने तमिल हितों के खिलाफ माना, जिसके कारण राजीव गांधी LTTE के निशाने पर आ गए।

    हत्या की घटना :

    राजीव गांधी 1991 के आम चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे। वह श्रीपेरंबुदूर तमिलनाडु ( चेन्नई से लगभग 40 किमी दूर ) में एक चुनावी सभा को संबोधित करने गए थे, जो कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के समर्थन में थी।

    राजीव गांधी जैसे ही मंच से उतरकर भीड़ में लोगों से मिलने गए, एक महिला आत्मघाती हमलावर, जिसका नाम धनु (थेनमोझी राजरत्नम) था, राजीव गाँधी को माला पहनाने के लिए आगे बढ़ी और अपने कमरबंद में छिपे RDX बम को विस्फोट कर दिया। इस विस्फोट में राजीव गांधी, धनु, और 16 अन्य लोग मारे गए, जबकि कई घायल हुए।

    हमलावर और साजिश :

    राजीव गांधी की हत्या एक सुनियोजित आत्मघाती हमला था, जिसे लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने अंजाम दिया। LTTE नेता प्रभाकरण ने इस हत्या को मंजूरी दी। वह राजीव गांधी को भारत-श्रीलंका समझौते (1987) और IPKF की कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार मानता था, IPKF ने 1987-1990 के बीच LTTE के खिलाफ कई ऑपरेशन किए, जिससे संगठन को भारी नुकसान हुआ।

    LTTE को डर था कि अगर राजीव गांधी फिर से सत्ता में आए, तो वह श्रीलंका में तमिल विद्रोह को दबाने के लिए और सख्त नीतियां लागू कर सकते हैं।

    प्रभाकरण ने अपने खुफिया प्रमुख पोट्टू अम्मान के साथ मिलकर इस ऑपरेशन की रणनीति बनाई। पोट्टू अम्मान ने शिवरासन को निर्देश दिए और संसाधन उपलब्ध कराए।

    LTTE ने कई महीनों तक इस हमले की योजना बनाई। उन्होंने राजीव गांधी के प्रचार कार्यक्रमों की जानकारी एकत्र की और श्रीपेरंबुदूर में सभा को निशाना बनाया। 

    हत्या को अंजाम देने वाली मुख्य हमलावर थी धनु (थेनमोझी राजरत्नम), एक प्रशिक्षित LTTE कार्यकर्ता। वह एक महिला आत्मघाती हमलावर थी, जिसे विशेष रूप से इस मिशन के लिए चुना गया था। धनु को एक "ह्यूमन बम" के रूप में प्रशिक्षित किया गया था। उसे राजीव गांधी के करीब पहुंचने के लिए माला पहनाने का तरीका सिखाया गया, जो भारतीय संस्कृति में आम और संदेह से परे था। 

    LTTE ने सुनिश्चित किया कि हमले के दौरान कोई बड़ा संदेह न हो। धनु के साथ अन्य सहयोगी, जैसे सुब्बा, उसकी सहायता करने वाली दूसरी महिला, भीड़ में मौजूद थे ताकि ऑपरेशन सुचारू रहे।

    हमले के लिए रात का समय और भीड़ का फायदा उठाया गया, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देना आसान हो गया। इस साजिश में कई अन्य लोग शामिल थे, जिनमें शिवरासन (मास्टरमाइंड), नलिनी, मुरुगन, और अन्य LTTE कार्यकर्ता थे। साजिश को अंजाम देने के लिए तमिलनाडु में एक स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया।

    प्रमुख मास्टरमाइंड : शिवरासन

    शिवरासन (उर्फ वन-आइड जैक) LTTE का एक वरिष्ठ ऑपरेटिव था, जिसे इस हत्या का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता है। वह LTTE की खुफिया शाखा का सदस्य था और आत्मघाती हमलों की योजना बनाने में विशेषज्ञ था।

    वह श्रीलंका से भारत आया था और तमिलनाडु में कई महीनों तक छिपकर काम करता रहा। उसने स्थानीय लोगों, जैसे नलिनी और मुरुगन, को साजिश में शामिल किया।

    जांच और परिणाम :

    हत्या के बाद, केंद्र सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।  हत्या के बाद गठित SIT ने साजिश का पर्दाफाश किया। एक फोटोग्राफर, हरिबाबू (जो विस्फोट में मारा गया), के कैमरे से मिली तस्वीरों ने धनु और अन्य संदिग्धों की पहचान में मदद की। जांच में LTTE की संलिप्तता स्पष्ट हुई। तस्वीरें, फिंगरप्रिंट्स, और अन्य साक्ष्यों ने साजिश का खुलासा किया। 

    सोनिया गाँधी ने राजीव के हत्यारों को माफ किया :

    1998 में, TADA (Terrorist and Disruptive Activities Act) कोर्ट ने 26 लोगों को दोषी ठहराया, जिनमें से कई को मौत की सजा सुनाई गई। बाद में, कुछ की सजा को उम्रकैद में बदला गया।

    नलिनी, जो साजिश में शामिल थी। उसने साजिश में लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की, जैसे कि टोह लेना और स्थानीय समन्वय। वह घटनास्थल पर मौजूद थी, लेकिन विस्फोट में बच गई

    नलिनी को शुरू में मौत की सजा मिली, लेकिन राजीव गांधी की विधवा, सोनिया गांधी की अपील के बाद उनकी सजा को 2000 में उम्रकैद में बदल दिया गया। नलिनी को 2018 में जेल से रिहा किया गया।

    2009 में हुआ LTTE का खात्मा 

    राजीव गाँधी की हत्या ने भारत और श्रीलंका के बीच तनाव को बढ़ाया, और भारत ने LTTE के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।इस हत्या ने LTTE को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन के रूप में और बदनाम किया। 2009 में श्रीलंका सेना ने LTTE को पूरी तरह खत्म कर दिया।

    यह घटना आतंकवाद के खतरे और राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा पर नए सिरे से विचार करने का कारण बनी।

    टैग्स:

    Rajiv Gandhi MurderLTTEPM Rajiv gandhiGandhi Family
    टिप्पणी करने के लिए कृपया लॉगिन करें।

    संबंधित खबरें

    पीएम मोरार जी ने रॉ की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दी ; रॉ को करते थे नापसंद, मोरार जी की गलती से भारत को हुआ बड़ा नुकसान
    संडे-स्टोरी
    पीएम मोरार जी ने रॉ की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दी ; रॉ को करते थे नापसंद, मोरार जी की गलती से भारत को हुआ बड़ा नुकसान
    rajasthanscoop
    62
    तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने विपक्ष के नेता वाजपेयी को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा
    संडे-स्टोरी
    तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने विपक्ष के नेता वाजपेयी को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा
    rajasthanscoop
    51
    अखंड सुहाग का पर्व है गणगौर, जाने क्या है गणगौर का इतिहास और पूजा का महत्व
    संडे-स्टोरी
    अखंड सुहाग का पर्व है गणगौर, जाने क्या है गणगौर का इतिहास और पूजा का महत्व
    Admin User
    61

    जनमत

    आज का सवाल : राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री कौन थे ?

    कुल वोट: 11

    ट्रेंडिंग न्यूज़

    लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची
    लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची
    महिलाओं की आजादी त्यौहार, जानिए कैसे हुई घुड़ला पर्व की शुरुआत, क्यों घुड़ला लेकर घूमती है मारवाड़ की महिलाएं
    महिलाओं की आजादी त्यौहार, जानिए कैसे हुई घुड़ला पर्व की शुरुआत, क्यों घुड़ला लेकर घूमती है मारवाड़ की महिलाएं
    वाजपेयी से किसने कहा कि मुझे नरेन्द्र भाई मोदी गुजरात से बाहर चाहिए...
    वाजपेयी से किसने कहा कि मुझे नरेन्द्र भाई मोदी गुजरात से बाहर चाहिए...
    बोरोना वीव्स लिमिटेड का आईपीओ निवेश के लिए आज से खुला  है, 22 मई तक कर सकेंगे निवेश ; जानें क्या करती है कंपनी
    बोरोना वीव्स लिमिटेड का आईपीओ निवेश के लिए आज से खुला है, 22 मई तक कर सकेंगे निवेश ; जानें क्या करती है कंपनी
    नौसेना में शहीद हुआ बागोरिया का लाल प्रह्लाद जाखड़, रविवार सुबह 10.30 बजे पार्थिव शरीर जोधपुर एयरपोर्ट पहुँचेगा
    नौसेना में शहीद हुआ बागोरिया का लाल प्रह्लाद जाखड़, रविवार सुबह 10.30 बजे पार्थिव शरीर जोधपुर एयरपोर्ट पहुँचेगा

    वीडियो

    कोई वीडियो लेख नहीं मिला।