जोधपुर की असली पहचान: मिर्ची बड़ा, ब्लू सिटी का सबसे हॉट फूड ; क्यों इतना फेमस है मिर्ची वड़ा....?
राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर और ‘ब्लू सिटी’ के नाम से मशहूर जोधपुर अपनी समृद्ध विरासत और शानदार वास्तुकला के कारण दुनिया भर में पहचाना जाता है। मेहरानगढ़ किले से लेकर भव्य महलों, शांत मंदिरों, कलात्मक हवेलियों और नीले रंग से सजे घरों तक—यह शहर हर मोड़ पर इतिहास की खुशबू बिखेरता है।
लेकिन जोधपुर की पहचान सिर्फ इसकी इमारतों तक सीमित नहीं है; यहाँ का पारंपरिक भोजन भी उतना ही लोकप्रिय है, जो शहर के रोजमर्रा के जीवन में खास स्वाद जोड़ता है। जोधपुर के बारे में एक कहावत प्रसिद्ध है कि यहाँ दो ही चीज़े फेमस है " एक तो खंडा ( पत्थर ) और दूसरा खावणखंडा ( वो लोग जिन्हें खाने की चीज़े अधिक भाती हो ). इन्हीं खावणखंडो का सबसे प्रिय व्यंजनों में सबसे चर्चित नाम है—जोधपुरी मिर्चीबड़ा।
जब भी जोधपुर की बात होती है, सबसे पहले जिसकी याद आती है, वह है मिर्चीबड़ा। बिना मिर्चीबड़े का जिक्र किए इस शहर की कहानी कुछ अधूरी सी लगती है। जोधपुर का मिर्चीबड़ा न केवल पूरे राजस्थान में, बल्कि देश-विदेश तक अपनी पहचान बना चुका है। खास बात यह है कि जैसे ही बारिश की पहली बूंद गिरती है, शहर भर में इसकी मांग अचानक कई गुना बढ़ जाती है। और इसके स्वाद को पूरा करने में सबसे अहम भूमिका निभाती है—ब्रेड, जो मिर्ची वड़ा के टेस्ट को दोगुना कर देती है।
सर्दी और बारिश में बढ़ जाती है मांग
वैसे तो जोधपुर में मिर्ची बड़ा सर्दी, गर्मी बरसात हर मौसम में बड़े चाव से खाया जाता है लेकिन सर्दी और बरसात के मौसम में इसकी मांग दुगुनी हो जाती है। शहर की हर गली-नुक्कड़ पर मिर्ची वड़ा की दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ती है। जोधपुर में यह कॉम्बिनेशन सिर्फ खाने का नहीं, बल्कि मौसम का मज़ा दोगुना करने का तरीका है।
ब्रेड और मिर्ची वड़ा—जोधपुर का स्वाद जो बना पहचान
“जैसे सब्ज़ी के साथ रोटी जरूरी होती है, वैसे ही मिर्ची वड़े के साथ ब्रेड।” वड़ा अकेले भी खाया जाता है, लेकिन ब्रेड के साथ इसका स्वाद अनोखा हो जाता है। बरसात में तो सैलानियों से लेकर स्थानीय लोगों तक—हर कोई मिर्ची वड़ा का स्वाद लेने दुकानें ढूंढता दिखाई देता है। यदि आप जोधपुर आए और मिर्चीवड़ा खाए बिना लौट जाए, तो आपकी यात्रा अधूरी है। यह सिर्फ नाश्ता नहीं, बल्कि जोधपुर की सांस्कृतिक पहचान है।
हर रोज बिकते है लाखों मिर्चीबड़े
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार - शहर में हर दिन करीब 3 लाख मिर्चीबड़े बिक जाते हैं। इसमें अगर मोगर की कचोरी, प्याज की कचोरी, कोफ्ता, समोसे की ब्रिकी भी जोड़ ली जाए तो आंकड़ा करीब 5 लाख तक पहुंच जाता है। एक नमकीन की कीमत 20 रुपए है। रोजाना करीब 60 लाख के मिर्ची बड़े खा जाते है जोधपुरवासी .
1000 से अधिक दुकाने
जोधपुर में मिर्चीवड़ा बनाने वाले 1,000 से ज़्यादा विक्रेता हैं। इनमें से करीब 50–60 दुकानें अपने पारंपरिक स्वाद के लिए खास पहचानी जाती हैं। बारिश आते ही ये दुकानें तो खचाखच भर जाती हैं, साथ ही शहर की सड़कों पर अस्थायी ठेले भी बड़ी संख्या में दिखाई देने लगते हैं।
जोधपुर की बारिश हो और मिर्ची वड़े की खुशबू हवा में न फैले—ऐसा होना मुश्किल है। यह नाश्ता सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि शहर की विरासत और भावनाओं का हिस्सा है। यही वजह है कि जोधपुर में मिर्ची वड़ा खाना सिर्फ एक नाश्ता नहीं, बल्कि एक अनुभव है जिसे हर मौसम में ज़रूर जीना चाहिए।